14 दिसंबर (हि.स.) को जगदलपुर में स्वर्वेद महामंदिर ट्रस्ट उमराहा वाराणसी के तत्वावधान में 17 से 18 दिसंबर तक विहंगम योग संत समाज का शताब्दी समारथ महोत्सव होगा।
14 दिसंबर को, बस्तर संभाग से लगभग 4000 श्रद्धालु गुरु भाई-बहन और उत्सुक लोग विशेष रेल से देव नगर बनारस, 2500 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ में भाग लेने के लिए रवाना होंगे। 2008 में, बस्तर से बनारस विशेष रेल से लगभग 3600 श्रद्धालु स्वर्वेद महामंदिर के वार्षिक उत्सव में भाग लेने गए। वर्तमान यात्रा भारत के इतिहास में चौथी विशेष रेल यात्रा होगी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वर्वेद महामंदिर के पहले तल का उद्घाटन करेंगे।
स्वर्वेद महामंदिर में जनता की आस्था का सैलाब है। श्रद्धालु देश भर से आस्था के इस प्रवाह में शामिल होने के लिए आए हैं। स्वर्वेद उत्तरार्ध ज्ञान यज्ञ में दो लाख से अधिक लोग शामिल होंगे। शुक्रवार को मंदिर के आसपास श्रद्धालुओं की भीड़ से मेला दिखाई दिया। निजी वाहनों, बसों और ट्रेनों से भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।
शनिवार सुबह पांच बजे, सद्गुरु स्वतंत्र देव महाराज और संत प्रवर विज्ञान देव महाराज ने ऊं अंकित श्वेत ध्वजा फहराकर यज्ञ की शुरुआत की। 21 हजार कुंडीय महायज्ञ ड्रोन कैमरे से देखे जाएंगे। महामंदिर धाम परिसर में स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ में देर रात तक श्रद्धालु आते रहे। देश-विदेश से आने वाले अनुयायियों को ठहरने और भोजन की पूरी व्यवस्था की गई है। इसके लिए भी छोटे-छोटे शिविरों का निर्माण कराया गया है।
यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पं. बंगाल, असम, महाराष्ट्र सहित देश भर से लोग इस महाअनुष्ठान में भाग लेने आए हैं। इसके अलावा, देर रात तक विहंगम योग के अनुयाइयों का जर्मनी, फ्रांस, अमेरिका, सिंगापुर, दुबई और दक्षिण अफ्रीका से आना लगा हुआ था। मंदिर परिसर में दिन भर श्रद्धालु उद्घोष करते रहे, हाथों में ऊं अंकित श्वेत ध्वजा।